Editor in Chief: Rajesh Patel (Aapka news Star)
घर वालों ने ही की छेड़छाड़, महिलाएं पहुंची थाने, शिकायत का अंजाम कर देगा हैरान
MP News Crime Against Women: राजधानी भोपाल में महिला अपराध बढ़े, घर में ही शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेल रही हैं महिलाएं और बेटियां, इनके करीबी ही हैं सबसे बड़े दुश्मन, न्याय की आस में हिम्मत जुटाकर कुछ महिलाएं पहुंची पुलिस थाने, शिकायत दर्ज कराई, मामलों का अंजाम जानकर रह जाएंगे हैरान
MP News Crime Against Women: इस खबर का मकसद महिलाओं को डराना नहीं बल्कि, उन्हें सतर्क करना है। राजधानी भोपाल में महिला हिंसा के पिछले एक साल में दर्ज मामलों के विश्लेषण से पता चलता है कि महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित जगह उनका घर ही है। और उनके करीबी ही उनके सबसे बड़े दुश्मन। महिला हिंसा के दर्ज मामलों में 42 प्रतिशत ऐसे हैं जिनमें, महिला के साथ छेड़छाड़ की कोशिशें घर-परिवार के सदस्यों द्वारा की गईं। मामला पुलिस तक न पहुंचे, इसके लिए सामाजिक बदनामी का हवाला देते हुए घर वालों ने रिपोर्ट लिखाने से मना किया। कुछ महिलाओं ने हिम्मत करके रिपोर्ट लिखाई तो, गवाही देने घर के सदस्य नहीं पहुंचे। ऐसे में मामला खत्म हो गया।
राजधानी में पिछले साल करीब 50 महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़खानी के मामले दर्ज हुए। रिपोर्ट में पता चला कि छेड़खानी करने वाले अंतरंग साथी और परिवार से संबंधित लोगों की संख्या अधिक थी। आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के जीवन का निजी और घरेलू क्षेत्र जहां उन्हें सबसे सुरक्षित होना चाहिए, वहां उनमें से कई को मानसिक और शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ा।
महिलाओं की सुरक्षा पर कार्य करने वाली गौरवी की शिवानी सैनी कहती हैं कि बात जब महिलाओं की सुरक्षा की आती है तो, इसमें कोई दोराय नहीं कि हर महिला जरूरी सावधानी बरतने की पूरी कोशिश करती है। लेकिन कुछ ऐसे सेफ्टी टिप्स भी हैं जो, मुश्किल घड़ी में महिलाओं के काम आ सकते हैं।
यदि अकेली हैं तो, घर में सिक्योरिटी सिस्टम लगवाएं। इससे पता होगा कि कौन, कब आपके आसपास भटकने की कोशिश कर रहा है।
कहीं भी आ जा रही हैं तो, सोशल मीडिया पर लोकेशन शेयर करें। खासकर अकेले सफर में हैं या टैक्सी बुक की है तो, अपने अकाउंट की लाइव अपडेटस देते रहें।
देर रात ट्यूशन ऑफिस या कहीं और से घर के लिए निकलें तो, फोन का जीपीएस ऑन रखें और किसी जानकार को लाइव लोकेशन शेयर करें।
किसी से खतरा महसूस होता है कोई स्टोक या कोई पीछा कर रहा है तो, शिकायत करने से न कतराएं। पुलिस की मदद लें।
किसके मन में क्या चल रहा है, यह पता लगाना बेहद मुश्किल है। अच्छा लगने वाला इंसान भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अकेले जाने में घबराहट या डर महसूस हो रहा है तो, अपनी गट फीलिंग पर भरोसा करें और सावधानी बरतें। कुछ भी बुरा लग रहा हो तो टोंकें। क्योंकि सुरक्षा किसी के रूठ जाने से ज्यादा जरूरी है।
गौरवी की हेल्पलाइन नंबर पर मदद मांगें
जेपी अस्पताल परिसर में गौरवी केंद्र (सखी) में हिंसा पीड़ित महिलाओं को कानूनी, मनौवैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी सलाह की सुविधा है।
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